
वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में मीडिया हमेशा आगे – बिश्नोई
ज्ञान सरोवर में मीडियाकर्मियों का राष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ
माउंट आबू, 02 मई।
उद्योग व खेल विभाग राज्य मंत्री, जिला प्रभारी मंत्री के.के. विश्नोई ने कहा कि विश्व शांति, जलवायु, पर्यावरण संरक्षण समेत कई प्रकार की वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के साथ उनका समाधान करने में मीडिया हमेशा आगे रहा है। समाज को नई दिशा देने में मीडिया का विशेष योगदान है। विकट परिस्थितियों में मीडियाकर्मी अपनी जान की परवाह किए बिना दायित्वों को पूरे मनोयोग से निभाने में अग्रसर रहते हैं। ब्रह्माकुमारी संस्था मानव जीवन की सर्वोच्चता का अभिप्राय है जिसने विश्व के हृदय में आत्म चेतना का प्रकाश फैलाने का पुनीत कार्य किया है। आत्म चिंतन करने का प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना महान काय है। जिसके लिए मीडिया ने हमेशा पहल की है। यह बात उन्होंने शुक्रवार को ब्रह्माकुमारी संगठन के ज्ञान सरोवर में संगठन के मीडिया प्रभाग की ओर से वैश्विक शांति व सद्भाव के अग्रदूत के रूप में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन के उदघाटन सत्र में कही।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में मीडियाकर्मियों के सकारात्मक व संगठित प्रयासों से भारत विश्व गुरु के रूप में सबके सामने होगा। जिसके लिए ब्रह्माकुमारी संगठन के साथ समाज के हर वर्ग को मिलकर दृढ़तापूर्वक इस पुनीत कार्य में अपना योगदान देना चाहिए।
फिर से स्थापित होगा भारत में शांति का स्वराज्य
ब्रह्माकुमारी संगठन की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी बहन ने वर्तमान विश्व के परिदृश्य को दृष्टिगत रखते हुए मीडियाकर्मियों को निरंतर सकारात्मक दिशा में अहम योगदान देने पर बल दिया। संगठन की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके सुदेश दीदी ने कहा कि शांति का स्वराज्य भारत में था। जो फिर से स्थापित हो रहा है। शांति कोई जंगल में जाने से नहीं मिलती बल्कि कर्म करते हुए धैर्यता, सरलता, शीतलता, मन की स्थिरता, पारदर्शिता, स्नेहमयी व्यवहार बनाए रखना स्वाभाविक अनुभूति का नाम है।
ईश्वर की अनुकंपा के लिए सत्यता जरूरी
जयपुर विधायक डॉ. गोपाल शर्मा ने कहा कि ईश्वर की अनुकंपा का अनुभव करने के लिए जीवन में सत्यता होनी चाहिए। स्वभाविमान में रहने वाले ही सभ्य समाज की स्थापना कर सकते हैं। जर्रे-जर्रे पर अशांति व भय के माहौल के बीच मीडिया की शक्ति ही शांति व सद्भाव को बल प्रदान कर सकती है। आतंकवाद के खिलाफ सारा भारत एक है। ऐसा कोई कार्य नहीं होना चाहिए जो सृष्टि की शांति के खिलाफ जाता हो। ज्ञान सरोवर के पवित्र स्थान से अद्भुत अनुभवों का सभी सहभागियों को लाभ लेकर जीवन को संस्कारवान बनाना चाहिए।
आत्मा के सत्य को जाने बिना प्रगति संभव नहीं
माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी भोपाल जेएमएस विभाग प्रो. डॉ. संजय द्विवेदी ने कहा कि आत्मा के सत्य को जाने बिना प्रगति संभव नहीं है। शिक्षा के केंद्र में शिक्षित होने की बजाए दुकानों जैसा कार्य हो रहा है। लोकतंत्र की आत्मा पर गहराई से विचार करना पड़ेगा। पत्रकारिता की पूरी यात्रा सवालों की यात्रा है। संचार व संवाद को छोड़ विवाद की तरफ जाने से समस्यायें और विकराल हो जाती हैं। स्वयं का सुधार करने की परंपरा को बल देने की जरूरत है। असहमति को अपना सौंदर्य नहीं बनाना चाहिए। शांति का संदेश देना भारत की नियति है। मीडिया को समावेशी, विविधता में एकता बनाए रखने वाले मूल्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए।
शान्ति का दाता है भारत
रायपुर जेएमसी कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर प्रो. डॉ. मानसिंह परमार ने कहा कि भारत शांति का दाता है। शान्ति के बिना विकास असंभव है। भारत की सोच हमेशा से ही शांतिप्रिय रही है। शिव परमात्मा के माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने संसार में शांति का संदेश दिया है। मीडिया ऐसा माध्यम है जो विश्व में शान्ति स्थापना के कार्य में सकारात्मक भूमिका अदा कर सकता है।
राजयोग का अभ्यास जरूरी
ब्रह्माकुमारी संगठन के अतिरिक्त सचिव बीके मृत्युंजय ने कहा कि स्वयं के मन को परमात्म शक्तियों की ऊर्जा से भरपूर करने के बाद ही वैश्विक शांति व सद्भाव के बीज बोए जा सकते हैं। जिसके लिए अपनी दिनचर्या में कुछ समय राजयोग का अभ्यास करना चाहिए।
इन्होंने भी विचार व्यक्त किए
मल्टी मीडिया प्रमुख, प्रभाग अध्यक्ष बीके करुणा, प्रभाग उपाध्यक्ष बीके आत्मप्रकाश, दिल्ली से आए एक समाचार पत्र के एक्सक्युटिव चीफ एडीटर विष्णु प्रकाश त्रिपाठी, प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बीके शान्तनु, बीके निकुंज, बीके सुशांत, बीके सरला, जयपुर क्षेत्रीय संयोजिका बीके चंद्रकला, डॉ. बीके रीना आदि ने भी विचार व्यक्त किए। शिक्षा प्रभाग की उपाध्यक्षा बीके शीलू बहन ने राजयोग का अभ्यास कराते हुए गहन शांति की अनुभुति कराई।
Om Shanti 💎 🕉