
डिजिटल पत्रकारिता में तकनीक का विवेकपूर्ण और प्रभावी उपयोग आवश्यक
- ब्रह्माकुमारीज़ आयोजित अकोला जिला स्तरीय मीडिया सम्मेलन में मीडिया विशेषज्ञों का आशावाद
पत्रकारिता में बदलती तकनीक: अवसर, चुनौतियाँ और मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता पर विचार-विमर्श
अकोला (दि. ) डिजिटल पत्रकारिता के दौरान तकनीकी बदलाव अनिवार्य हैं और बदलते प्रवाह में यदि तकनीक का विवेकपूर्ण और प्रभावी उपयोग किया जाए तो मूल्यों पर आधारित पत्रकारिता संभव है। यह आशावाद ब्रह्माकुमारीज़ अकोला मीडिया विंग, माउंट आबू द्वारा आयोजित जिलास्तरीय मीडिया सम्मेलन में वक्ताओं ने व्यक्त किया।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, मलकापूर एरिया, अकोला सेवाकेंद्र और माउंट आबू स्थित मीडिया प्रभाग के माध्यम से “पत्रकारिता में बदलती तकनीक: अवसर, चुनौतियाँ और मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता” विषय पर मीडिया सम्मेलन का आयोजन किया गया। कु. जोया और कु. मनीषा, अकोला ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। स्वागत भाषण ब्रह्माकुमारी अर्चना दीदी, राजयोग शिक्षिका, अकोला सेवा केंद्र ने दिया।
विषय प्रास्तविक करते हुए ब्रह्माकुमार डॉ. शांतनुभाईजी, राष्ट्रीय समन्वयक, मीडिया प्रभाग, माउंट आबू ने कहा कि, विश्व में सभी क्षेत्रों में नैतिक मूल्यों में हो रही गिरावट को देखते हुए ब्रह्माकुमारीज़ मीडिया प्रभाग ने मूल्यनिष्ठ समाज निर्माण हेतु महत्वपूर्ण कार्य किया है। गलत समाचार क्षणों में फैल जाते हैं लेकिन सकारात्मक समाचार लोगों तक नहीं पहुँचते, इस पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने साइबर युग में पत्रकारिता की जिम्मेदारी बढ़ने की बात स्पष्ट की। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ मीडिया प्रभाग द्वारा मीडिया क्षेत्र हेतु किए जा रहे कार्यक्रमों और उपक्रमों की जानकारी दी।
डॉ. सोमनाथ वडनेरे, महाराष्ट्र राज्य समन्वयक, मीडिया प्रभाग, जलगांवने बीज भाषण में नए तकनीकी बदलावों से पत्रकारिता और मीडिया क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों का आकलन किया। बदलती तकनीक से उत्पन्न अवसरों, चुनौतियों और मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं पर उन्होंने प्रकाश डाला।
इससे पूर्व सम्मेलन का उद्घाटन दीप प्रज्वलन द्वारा मान्यवरों के शुभ हस्तों से किया गया। उद्घाटन भाषण में श्री हर्षवर्धन पवार, जिला सूचना अधिकारी, अकोला ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से पत्रकारिता और मीडिया क्षेत्र में हो रहे बदलावों का आकलन करते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता पत्रकारिता का स्थान नहीं ले सकती।
दैनिक देशोन्नती के संपादक प्रकाश पोहरे ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारिता की पहचान कराते हुए स्वतंत्रता पूर्व और स्वतंत्रता पश्चात पत्रकारिता में हो रहे परिवर्तनों का आकलन करते हुए कहा कि आम जनता की समस्याओं को उजागर करना ही मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता का उद्देश्य है।
इसके बाद उपस्थित मान्यवरों ने अपने विचार व्यक्त किए।
डॉ. रामप्रकाश वर्मा, संस्थापक, राष्ट्र भाषा सेवा समाज, अकोला ने कलम और मशाल की तुलना पत्रकारिता से की।
श्री राजेश राजोरे, संपादक, दैनिक देशोन्नती, बुलढाणा संस्करण, खामगांव ने त्याग, सेवा और समर्पण को मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता की त्रिसूत्री बताया।
श्री सूरज गोले, प्रसारण अधिकारी, आकाशवाणी, अकोला ने आकाशवाणी के माध्यम से हो रहे मूल्यनिष्ठ कार्यक्रमों का उल्लेख किया।
डॉ. हमेश बाबू नानवाला, प्राध्यापक, डॉ. बाबासाहेब पत्रकारिता महाविद्यालय, अकोला ने कहा कि तकनीक चाहे कितनी भी विकसित हो जाए, मानवीय पत्रकारिता का विकल्प नहीं हो सकती।
श्री श्याम पन्नालालजी शर्मा, संपादक एवं प्रकाशक, जमाना साप्ताहिक, अकोला ने माउंट आबू में मूल्यनिष्ठ समाज निर्माण हेतु ब्रह्माकुमारीज़ के प्रयासों की सराहना की।
डॉ. प्रमोद कुमार शुक्ल, महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, अकोला ने न्यूज़ और व्यूज़ के अंतर को स्पष्ट किया।
राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रुख्मिणी दीदीजी, संचालिका, अकोला सेवाकेंद्र ने उपस्थित लोगों को माउंट आबू में मीडिया विंग द्वारा आयोजित होने वाले सम्मेलन के लिए आमंत्रित कर आशीर्वचन दिए।
राजयोग अभ्यास ब्रह्माकुमारी वर्षा दीदी ने कराया। उपस्थित मीडिया प्रतिनिधियों के प्रश्नोत्तर सत्र भी हुआ। आभार प्रदर्शन एड. सारिका तिवारी ने किया जबकि संचालन ब्रह्माकुमारी वर्षा दीदी ने किया।
डॉ. सोमनाथ वडनेरे
महाराष्ट्र राज्य समन्वयक
मीडिया प्रभाग, माउंट आबू
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